Sunday, October 30, 2011

अशोक आंद्रे



सर्दी नानी



सर्दी नानी आई है।

शीत लहर वो लाई है।

गुड़िया भी बीमार है।

कस कर चढ़ा बुखार है।


रात - रात भर रोती है।

मम्मी भी न सोती है।

थर्मामीटर टूटा है।

डाक्टर अंकल रूठा है।


पैसे का अकाल है।

पहली का सवाल है।

सर्दी नानी जाओ तुम।

और कभी फिर आओ तुम।


गुड़िया रानी बच्ची है ।

ठीक रहे तो अच्छी है।